Navjat shishu ka aahar

Navjat Shishu Ka Aahar – नवजात शिशु का आहार

 

नवजात शिशु का आहार आज हम इस टॉपिक पे आप को पूरी जानकारी देंगे 
नवजात शिशु का जन्म होते ही उसकी ठीक से देखभाल होना आवश्यक हैं।
नवजात शिशु का आहार कैसा हो
उस के जन्म से  दूध छूड्वा ने तक उस का खान पान किया हो
बच्चे का विकास कैसा हो ये सारी बातें जान्ना ज़रूरी है
ताके आप के बच्चे का विकास अछा हो
शिशु की क्या देखभाल करनी चाहिए और उस का आहर कैसा हो येह सभी इस लेख में
हम ने कवर करने की कोशीश की है
पूरा आर्टिकल पढ़ने पे आप को इतनी तो जानकारी मिल जाएँगी
के बच्चे का आहर कैसा हो और कोन सा आहर उस को  शुरआती दिनों में दिया जाए

शिशु का विकास । नवजात शिशु  का वज़न।माँ का दूध। दूध छुडवाना।आहार का महत्व।

शिशु  का विकास  (Development During Infant Age )

Development during infant age
image source: Pixabay

माँ बाप की ख्वाहिश होती है के अपने बच्चे  की परवरिश तमाम दूसरे बच्चों  के बराबर ही हो .

इस के लिए बच्चे को माँ का दूध भर पुर मिलना चाहिए ,

इस के साथ साथ उम्र के हिसाब से घरेलू ताखतवर आहार भी मिलता रहेना चाहिए .

मोटे ताज़े हँसते मुस्कराते बचो की तस्वीर वाली टॅानिक की महेंगी बोतलों की बजाये बचे के खाने में फल

,तिल्ली ,खजूर ,गूढ़ ,मूंग फली ,केले , चने ,मटर ,और दाल ,इतियादी जियादा ज़रूरी है .

इस लिए इन का इस्तेमाल होना चाहिए जो जियादा फ़ाइदाम्न्द है

बच्चों  का विकास सही तारीखे से होराहा है या नहीं ,

ये जाने के लिए निचे दिए हुए चार्ट के अनुसार जाँच करे ,शक की बिना पे डॉक्टर से सलहा ले .

 Infant baby ka  0 se 12 Mahine tak Ka weight Chart

  बच्चे  का वज़न किलो में

        बचे की उमर

जन्म  के समय

 3 किलो

2 महीने में

5 किलो

4 महीने में

6 किलो

6 महीने में  

7 किलो

8 महीने में

7.5 किलो

10 महीने में

8 किलो

12 महीने में

8.5 किलो

आम तोर पर इस में कई खिसम के उतार चढ़ाव आते है

इसलिए बच्चा अगर खुश मिज़ाज हँसता खेलता है ,बार बार बीमार नहीं पढता है

तो इस चार्ट के बराबर या थोडा कम ज़ियदा वज़न और ऊंचाई अगर है

भी तो इस के लिए  जियादा परेशां होने की ज़रुरत नहीं

फर्क अगर तिन से पांच किलो तक है तो डॉक्टर को बताये

 height and weight chart  3 Months to 5 Years

बच्चे  की उम्र  लड़के का वज़न  ऊंचाई  सेंटीमीटर में  लड़की का वज़न  ऊंचाई सेंटीमीटर में 
3 महीने  4.5  56.2  4.2   55 
4 से 6 महीने  6.7 62.7 5.6 60
7 से 9 महीने  6.9 64.9 6.2 64.4
10 से 12 महीने  7.4 69.5 6.6 66.7
1 साल  8.4 74.9 7.8 72.5
2 साल  10.1 81.6 9.6 80.1
3 साल  11.8 88.6 11.2 87.2
4 साल  12.5 96.0 12.9 94.5
5 साल  14.8 102.1 14.5 101.4
This is box title
  • Disclaimer:
  •  This is an estimated chart as per the WHO standards.
  •  Do not go by the exact weight and height for your baby/toddler/kid as mentioned in the
    chart.
  •  Make sure you have considered all the variables above before consulting the chart.
  •  If your baby is underweight or overweight, please consult your pediatrician

नवजात शिशु  का वज़न -Newborn Baby Weight

navjat shishu ka wazan
image source: pexels

हिंदुस्तान में आम तोर पर नवजात शिशु का औसत  वज़न 2.8  किलो होता है

पैदाइश के बाद पहेले 15 दिनों में बच्चे  का वजन 250 gm  तक कम होजाता है

15 दिन के बाद बच्चे  का वज़न दोबारा बढ़ना शुरू होता है

शुरूआती दिनों में हर महीने बच्चे  का वज़न आधा किलो बढ़ना चाहिए

इस के बाद के तिन महीनो में हर महीने पाव किलो 250 gm बढ़ना चाहिए

छे महीने पुरे होने के बाद बच्चे  का वज़न इस की पैदाइश के वज़न से दोगना होना चाहिए

एक साल का होने पर तीन गुना और दोसाल होने पर चार गुना होना चाहिए

 बच्चे  को पोषण की ज़रुरत -Food Requirements For Infants

  • बच्चे  के लिए माँ का दूध अच्छा है
    स्तनपान से मां और बच्चे दोनों को प्राकृतिक खुशी और संतुष्टि मिलती है।
    बच्चे का मानसिक और शारीरिक विकास अच्छा होता है।
    बच्चा  जब भूका हो तब ही पिलाना चाहिए
    स्तनपान करते वख्त बच्चे   को गोद में ले कर दूध पिलाये
    लेट कर या सोकर दूध ना पिलाये
    स्तन के सफाई का खास ख्याल रखे

 

  • माँ का दूध अगर कम पड़ता है तो गाय या भैंस का दूध  पिलाये

या पावडर का दूध पिलाये

गाय ,भैंस का दूध तयार करने का तारीख :

बचे की उम्र  गाय का दूध मलाई के साथ 

दूध :पानी 

भैंस का दूध मलाई निकाल कर 

दूध :पानी 

एक महीने तक  1:1  1:1 
एक से दो महीने तक  1:1  1:1.5 
दो से तिन महीने तक  1:3  1:2
तिन से छे महीने तक  पानी ना मिलाये  1:2
छे  महीने बाद  पानी ना मिलाये  पानी ना मिलाये 

आहार का महत्व – Nutrition Importants

नोजात शिशु को आहार की ज़रूरत बोहोत ज़ियदा होती है .

क्यों के इन का  पचना तंत्र छोटा होता है

इस वजाह से इन में हाजमे की क्षमता  भी कम होती है

इसलिए इन की क्षमता के हिसाब से आहार देना चाहिए

 निचे बच्चे की उम्र के हिसाब से लगने वाला ज़रूरी  आहर बताया गया है .

  • दो महीने की उम्र तक

माँ का दूध

  • तीसरे महीने में :

फलो का रस और सब्जियों का सूप  दो दो चमचा शुरू करे

  • चार  महीने के उम्र में  : 

किसी भी कंपनी का तयार किया हुआ दूध के  पाउडर को एक चमचा दूध या

पानी में मिला कर बचे को पिलाये  मात्रा धीरे धीरे बढाए

  • छे महीने की उम्र में:

दालों का पानी चावल का पानी ,दही ,छांछ ,उबली हुई सब्जियां

नरम और बारीक़ कर के दे .

  • 9 से 12 महीने तक :

चावल ,दाल , खिचड़ी , बिस्किट बारीक़ कर के दे .

 

एक साल की उम्र में सरे आहर दे ,टानिक की जगहा बच्चे  को

खजूर , केले ,जामुन ,तिल के लडू  मुंग ,फली की पट्टी

फल का जियादा इतेमाल रखे .

बच्चे  की पसंद ना पसंद का ख़याल रखे इस की खुराख में बदलाव करते रहें

बच्चे  पर किसी चीज़ के खाने की ज़बरदस्ती ना करे .

एक साल के बच्चे  की आहर की कुछ ज़रूरते – One year baby nutrition requirements

यह चार्ट सिर्फ एक नमूना है के आप बच्चे  के आहर की ज़रूत को कैसा पूरा कर सकते है

चाहे तो आप इस में कुछ बढ़ा भी सकतें या कुछ निकाल भी सकते है

इस चार्ट को देख कर आप एक अंदाज़ा लगा सकते है .

सुबह 8 बजे

 

  आधी रोटी, दूध 125 ML थोड़ी सी शकर डाले

10 बजे

 

   एक केला
दोपहर 1 बजे  हरी सब्जियां ,आधी कटोरी दाल ,एक रोटी
 

3 बजे

 आधी कटोरी आटे का हलवा

5 बजे

 

  दूध 125 ml ,एक  ब्रेड स्लाइस

रात में 8 बजे

आधी कटोरी दाल और अकी रोटी

 

इन हरकतों से अन्दांज़ लगाये बचे की उम्र का

बिना साहारे के सर को संभालना   3 से 7 महीने
हाथ में कोई चीज़ पकड़ना  5 वे महीने में
सहारा लेकर बैठना            6 महीने में
एक हाथ से कोई चीज़ दुसरे हाथ में लेना    7 वे महीने में
सहारा लेकर खड़े रहेना    9 वे महीने में
बिना सहारे के खड़े रहेना    12 वे महीने में
बिना साहारे के चलना  15 वे महीने में

माँ का दूध – Breast Milk

navjat shishu ka aahar
image source: pexels

शुरू के छे महीने की उम्र तक माँ का दूध बच्चे  के लिय  बहेत्रिन आहार है

माँ के पहेले के दस दिनों के दूध में प्रोटीन और बीमारी से लड़ने के लिए

ज़रूरी पोषक तत्व बोहोत ज़ियादा मात्र में होते है

शुरुआती दिनों में माँ  का दूध रोज़ाना आधा लीटर के खरीब बनता है

ये मात्र दिन बा दिन बच्चे  की ज़ुरूरत के हिसाब से बढती है

माँ के दूध की हर 100 ml मात्र से बच्चे को 70 कैलोरिस ( calories ) तक की  ताखत मिलती है

माँ  के दूध के बोहोत  से फायदे है

वो किटाणु से मुक्त रहेता है बचे के लिए उपयुक्त होता है

इस का तापमान बच्चे  की बर्दाश्त के अनुसार होता है

इसे तयार करने  में माँ को कोई महेनत नहीं करना पड़ती

और नाहीं इसे कोई   पैसा खर्च करना पड़ता है

अपने स्तन से दूध पिलाने में माँ को खुशी और संतुष्टि मिलती है

माँ का दूध पिने वाले बच्चे के दांत आसानी से निकलते है

माँ के दूध में पाई जाने वाली पर्तिरोधक शक्ति की वजह से

बच्चा बोहोत सी बीमारयों से सुरक्षित रहेता है

माँ के दूध पे परवरिश पाने वाले बच्चों  की मृत्यु  दर भी कम है

ऊपर का आहार

 navjat shishu ka aahar
image source: pixabay
जहां तक हो सके बच्चे  को माँ का दूध दें
मजबूरी की हालत में ऊपर का आहार दें
बाज़ार में अछे खिसम के पाउडर वाले दूध का इस्तेमाल कीजिये 
गाय ,भैंस ,का दूध पिलाते समय दूध की  मात्रा के अनुसार शकर मिला कर गर्म कीजिये 
ज़ियादा  शकर ना मिलाये वरना खांसी होसकती है 
फलो का  रस सब्जियों का सूप बच्चे  के लिए बहेत्रिन आहार है 
छे महीने का होने के बाद दालों का पानी ,चावल का पानी,दही ,छांछ , उबली हुई सब्जिया ,दे सकते है 
9   महीने का होने के बाद चावल,दाल, खिचड़ी ,बिस्किट ,इतियादी दे सकते है
एक साल का होने के बाद सम्पूर्ण आहर दे सकते है 
इस में बच्चे  की पसंद और ना पसंद का ज़रूर ख्याल रखे

दूध छुडवाना ( Weaning )

बच्चे  जब पुरे खाद्य पदार्थ खाने में सक्षम होजये तो धीरे धीरे माँ का दूध पिने से रोका जाता है

यह प्रक्रिया को दूध छूडाना या (weaning ) कहेलाता है

लगातार छे महीने तक माँ का दूध पिने की वजह से बच्चे का विकास बहेतर तारीखे पर होता है

लेकिन छे महा बाद बच्चे  के विकास के लिए ज़रूरी विटामिन ,मिनरल्स ,प्रोटीन की जरूरत होती है

माँ के दूध के ज़रिये उस की ज़रूरत पूरी नहीं होती   है

इसलिए बच्चे को उपर का सन्तुलित आहर दिया जाता है

इन आहर में उपर का दूध ,ताज़ा फलो का रस ,हरी सब्जी पतों का सूप इतियादी शामिल है

इन आहार की वजह से बच्चो के विकास में अच्छी  खासी बड़ोह्त्री होती है

पर्तिरोधक क्षमता बढती है दांत निकल ने  में आसानी होती है

बच्चो  की हड्डियां और मांसपेशियां मज़बूत होती है

बच्चे  अपने आप पर निर्भर होकर उपर का आहार इस्तेमाल कर सकते है

और माँ का दूध धीरे धीरे छूडवाया  जा सकता है

 

निष्कर्ष -Conclusion

ये लेख शैक्षिक उद्देश्यों के लिए हैं। 
यहां पर दी गई जानकारी का उपयोग किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या
या बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए । 
चिकित्सा परीक्षण और उपचार के लिए हमेशा एक योग्य चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। 


 

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